
वल्गर, हथियारों और नशे को प्रोत्साहित करने वाले गीत गाने वालों को माफी मांगने को कहा…
पंजाबी गानों में बढ़ रही हथियारों और नशों की बात अक्सर मीडिया में उठाई जाती रही है। इस पर चिंता भी जताई जाती रही है। लेकिन कनार्टक के एक प्रो. पंडितराव धरेनवर ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की है। इसके विरोध में उन्होंने चंडीगढ़ बस स्टैंड पर हाथों में प्लेकार्ड लेकर करीब दो घंटे तक धरना प्रदर्शन किया। जिस पर लिखा हुआ था- शराबी/हथयारी/लच्चर गाने गाने बंद करो। गा चुके गायक पंजाबी मातृभाषा से 15 दिसंबर तक माफी मांगें। नहीं तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
प्रो. धरेनवर चंडीगढ़ के सरकारी कॉलेज सेक्टर 46 में समाज शास्त्र के सहायक प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब का यूथ पश्चिम की अंधाधुंध नकल करने में लगा हुआ है। उसे अपने सभ्याचार और इतिहास के बारे में पता नहीं है। ऊपर से गायक अपने गीतों में पंजाबी सभ्याचार को गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हैं। उनसे लगता है जैसे पंजाब में नशे और हथियारों के बिना कुछ और है ही नहीं। यूथ इन गीतों से प्रभावित हो रहा है। पंजाबी होने का दावा करने वाला यूथ अपने सभ्याचार के प्रति जागरूक नहीं है। उसे अपने साहित्य और भाषा के बारे में पता नहीं है। उन्हें अपनी भाषा के लेखकों के नाम तक पता नहीं हैं। कोई भी कौम अपनी सांस्कृति की कद्र किए बिना ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकती। और पंजाब में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने समाज और सांस्कृति विरोधी गीत गाने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ा है। अगर ऐसे गीत गाने वालों ने माफी न मांगी तो वे उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेंगे।
बता दें कि ये वही प्रो. धरेनवर हैं, जिन्होंने पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सड़कों पर लगे साइन बोर्डों पर सबसे ऊपर जगह का नाम पंजाबी भाषा में लिखने की बात की थी। प्रो. धरेनवर 2003 में चंडीगढ़ आए थे। उनके ज्यादातर छात्र पंजाबी थे। उन्हें पढ़ाने के लिए प्रो. धरेनवर ने पंजाबी सीखी। वे पंजाबी भाषा तथा पंजाबी सभ्याचार से खासे प्रभावित हैं।